के शिकस्त दे कर भी खुद को कामियाब नहीं कहते..
Wednesday, December 31, 2008
Happy New year
खुशियों भरा आसमा हो,
कमियाबी की हो ज़मीन,
खुदा करे के आपका नया साल,
हो महफूज़ और रंगीन!
Subscribe to:
Comments (Atom)
This blog is a collection of my poems