Sunday, September 28, 2008

दिल करता है..

तेरे नैनो के इस सागर में,
डूब जाने को दिल करता है!
तेरे होठो की इस गागर से,
प्यास बुझाने को दिल करता है!
तेरे केशो की इस रजनी में,
गुम हो जाने को दिल करता है!
तेरे चेहरे के इस नरमी को,
छू जाने को दिल करता है!
तेरी बाहों के इस बंधन में,
समाने को दिल करता है!
बस इतना जान ले तू,
के तुझे अपना बनाने को दिल करता है!

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